
टमाटर ने किसानों को बनाया करोड़पति
Tomato रेट फसल के नुकसान और कम कीमतों के कारण सालों से परेशान टमाटर किसान इस साल करोड़पति बन गए हैं। एशिया के दूसरे सबसे बड़े टमाटर बाजार कोलार कृषि उपज बाजार समिति (APMC) के व्यापारियों और अधिकारियों का कहना है कि मांड्या, कोलार और चिक्काबल्लापुर जिलों के कम से कम 15 किसान इस सीजन में करोड़पति बन गए हैं।
टमाटर किसान बने करोड़पति
कोलार एपीएमसी के एक ट्रेडर सीएमआर श्रीनाथ ने बताया कि मांड्या के एक किसान, जिन्होंने लगभग 10 एकड़ जमीन पर टमाटर की खेती की, उन्होंने पिछले दो महीनों में लगभग 4 करोड़ रुपये कमाए। श्रीनाथ ने कहा कि औसतन किसान ने 20 दिनों के लिए हर दिन कोलार एपीएमसी को 1,000 बक्से की सप्लाई की है। उनकी अच्छी क्ववालिटी के टमाटर की न्यूनतम कीमत 1,800 रुपये प्रति बॉक्स मिली। हर एक बॉक्स में 15 किलोग्राम टमाटर होते हैं।
किसानों को टमाटर की एक पेटी के लिए मिला ये रेट
4 करोड़ रुपये से अधिक कमाने वाले किसान ने बताया कि उन्होंने टमाटर की खेती के लिए वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल किया। यही कारण रहा कि पौधे वायरस और सफेद मक्खियों से प्रभावित नहीं हुए जिससे मेरी उपज बेहतर रही। कारोबारियों ने बताया कि अच्छी क्वालिटी के टमाटर पश्चिम बंगाल, दिल्ली, पंजाब और अन्य उत्तर भारतीय राज्यों में खरीदे जा रहे हैं। ये बाजार में 1,800 रुपये से 2,200 रुपये प्रति पेटी पर मिल रहे हैं। बंगलुरु और राज्य के अन्य हिस्सों में सप्लाई किये जा रहे सेकेंड क्वालिटी के टमाटर का थोक कारोबार 1,200 रुपये से 1,500 रुपये प्रति पेटी पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि रिटेल में ये 90 रुपये से 110 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचे जा रहे हैं।
रिटेल में ये चल रहा है टमाटर का भाव
ऐसा लग सकता है कि किसान भारी मुनाफा कमा रहे हैं। हालांकि, इनमें से अधिकांश का कहना है कि वे पिछले तीन सालों में हुए घाटे की भरपाई कर रहे हैं। मांड्या जिले के मालवल्ली के किसान प्रकाश एमपी ने बताया कि 2021-22 और 2022-23 में किसानों भारी नुकसान हुआ क्योंकि कारोबारियों ने टमाटर की एक पेटी सिर्फ 300 से 400 रुपये में खरीदी। इस सीजन में उन्होंने अपने छह एकड़ के टमाटर के खेत से 90 लाख रुपये कमाए। उन्होंने हरी चादर के नीचे टमाटर की खेती करके अतिरिक्त सावधानी बरती थी, फिर भी उन्होंने बीमारियों के कारण लगभग 40% से 50% फसल खो दी। किसानों के मुताबिक अगर फसल में कोई बीमारी नहीं लगती तो उनकी कमाई और अधिक हो सकती थी।
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