
हिमाचल प्रदेश में तृतीय श्रेणी भर्ती का प्रारूप में बदलाव होने वाला है। नई भर्ती एजेंसी के लिए चल रही तैयारियों में काफी नयापन देखने को मिलने वाला है. सरकार एक नई भर्ती एजेंसी का गठन कर रही है, जिसकी जिम्मेदारी सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी दीपक सानन को दी गई है। कमेटी ने अपनी पहली रिपोर्ट सरकार के सामने रख दी है. रिपोर्ट में इस बात को रखा गया है कि तृतीय श्रेणी की भर्ती दो चरणों में की जाएगी। इसमें सीबीटी (CBT) —यानी —कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट –और (CET)सीईटी –यानी –कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट।
नई भर्ती एजेंसी पेपर की बजाय DIGITAL पर ध्यान दिया जायेगा । यानी अब भंग कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर की तरह OMR में परीक्षा नहीं ली जाएगी।
सामान्य पात्रता परीक्षा
समिति ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि स्टेट लेबल पर (CET)कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट होगा, जिसमें 12वीं से ग्रेजुएट तक के सभी अभ्यर्थी भाग लेंगे. जो इस परीक्षा में सफल होगा वह विभिन्न पदों पर आगे की भर्ती के लिए पात्र होगा। उदाहरण के तौर पर राज्य में शिक्षक भर्ती के लिए टेट होता है. यानी शिक्षक पात्रता परीक्षा. जो उम्मीदवार इस परीक्षा को पास कर लेता है वह जेबीटी या टीजीटी बनने के लिए पात्र हो जाता है। नई भर्ती एजेंसी भी इसी तरह की परीक्षा लेगी, जिसे CET सीईटी यानी कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट नाम दिया गया है। इस परीक्षा में सफल होने वाला व्यक्ति जेओआईटी, क्लर्क, शिक्षक, जेई या किसी अन्य पद के लिए पात्र होगा। हमारे पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी यही पैटर्न का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन वहां अभी भी ओएमआर शीट पर परीक्षा ली जा रही है, लेकिन हिमाचल में परीक्षा कंप्यूटर पर ही ली जाएगी।
सरकार को रिपोर्ट पसंद आयी
कमेटी ने नई भर्ती एजेंसी को लेकर पहली रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, जो सरकार को पसंद आई है. अब दूसरी रिपोर्ट अक्टूबर माह तक सरकार को सौंपी जाएगी, जिसके बाद नई भर्ती एजेंसी फाइनल होगी।
नई भर्ती एजेंसी में एक चेयरमैन होगा. इसके अलावा एक उच्च प्रशासनिक अधिकारी होगा, जो यह देखेगा कि पेपर लीक की कोई गुंजाइश न रहे और पारदर्शिता बनी रहे. इसके साथ ही एक और अधिकारी होगा, जो टेंडर से लेकर फाइनेंस प्रक्रिया तक की देखरेख करेगा. चूंकि विघटित कर्मचारी चयन आयोग में सदस्यों की संख्या अधिक थी, लेकिन अब 15 अंकों की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है, इसलिए नई एजेंसी में सदस्यों की संख्या सीमित करने की सिफारिश की गई है।
अभ्यर्थियों को फायदा
कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर हर पद के लिए अलग-अलग Test लेता था, लेकिन नई भर्ती एजेंसी में ऐसा नहीं होगा। उदाहरण के लिए, यदि चयन आयोग हमीरपुर ने एक वर्ष में 50 परीक्षाएं आयोजित की हैं, तो उम्मीदवार को उन सभी परीक्षाओं में भाग लेना पड़ता था और विभिन्न पदों के लिए 50 परीक्षाएं देनी पड़ती थीं, जो समय की बर्बादी थी। साथ ही दिमाग पर बहुत बोझ था, लेकिन अब उन्हें सीबीटी और सीईटी ही देना होगा.
नई भर्ती एजेंसी का नाम राज्य चयन आयोग हो सकता है. हालाँकि ये एक सुझाव है. सरकार इसमें बदलाव भी कर सकती है. सब कुछ ठीक रहा तो ढाई से तीन महीने में नई भर्ती एजेंसी अपना पहला टेस्ट ले सकती है।
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