
जेबीटी भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हाईकोर्ट में लंबित पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई 11 सितंबर को तय की गई है। शुक्रवार को न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. आपको बता दें कि 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) के उस नोटिफिकेशन को अवैध करार दिया था, जिसमें बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टीईटी के लिए पात्र बताया गया था. याचिकाकर्ता देवेश शर्मा ने राजस्थान हाई कोर्ट की जोधपुर पीठ के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. 25 नवंबर 2021 को राजस्थान हाई कोर्ट ने एनसीटीई की 28 जून 2018 की अधिसूचना को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हिमाचल हाई कोर्ट ने भी बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टीईटी के लिए पात्र बनाने के मामले की सुनवाई तय की थी।
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स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से पांच नवंबर को जारी अधिसूचना को हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इसमें बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टीईटी के लिए क्वालिफाई किया गया। 26 नवंबर, 2021 को हिमाचल हाई कोर्ट ने जेबीटी भर्ती मामलों पर अपना फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया था कि शिक्षकों की भर्ती के लिए एनसीटीई के नियम प्रारंभिक शिक्षा विभाग के साथ-साथ अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग पर भी लागू होते हैं। कोर्ट ने आदेश दिया था कि एनसीटीई की ओर से 28 जून 2018 को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक जेबीटी पदों पर भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन किया जाए. कोर्ट के इस फैसले से बीएड डिग्री धारक भी जेबीटी पदों के लिए पात्र हो गए. बाद में हाई कोर्ट ने जेबीटी यूनियन की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका में पारित आदेशों के तहत इस फैसले पर रोक लगा दी थी.